Sunday, 3 July 2011

जन्तर-मन्तर चलो!


दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन में श्रम कानूनों के नग्न उल्लंघन के खिलाफ और

ठेका कर्मचारियों के गैर-कानूनी शोषण उत्पीड़न के खि़लाफ 10 जुलार्इ, 2011 को

जन्तर-मन्तर चलो!

दिल्ली मेट्रो रेल में काम करने वाले हमारे सभी साथियो!

हम जानते हैं कि दिल्ली की शान दिल्ली मेट्रो रेल को चलाने वाले ठेका कर्मचारी किन गुलामों जैसे हालात में काम करते हैं। चाहे टाम आपरेटर हो, हाउसकीपर हों या पिफर सिक्योरिटी गार्ड, सभी को ठेका कम्पनियों की तानाशाही में जीना पड़ता है। न तो हमें तय न्यूनतम मज़दूरी मिलती है, और न ही र्इ.एस.आर्इ. कार्ड, पी.एफ, डबल ओवरटाइम की सुविधा। हाउसकीपरों को तो साप्ताहिक छुटटी तक नहीं मिलती है। श्रम कानूनों का यह घोर उल्लंघन डी.एम.आर.सी. की नाजानकारी में नहीं हो रहा है। पिछले 3 वर्षों में 'दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन' सदस्यों द्वारा श्रम कार्यालय में दर्ज मामलों में यह साबित हो चुका है कि डी.एम.आर.सी. को सब पता है। मज़दूरों की भर्ती के समय इन ठेका कम्पनियों द्वारा 'सिक्योरिटी राशि के नाम पर मोटी रकम वसूल की जाती है ताकि वे हमेशा चुप्पी साधकर सब सहते रहें। लेकिन साथियो, डर कर चुप्पी साधने रहने से भी हमें कुछ नहीं हासिल हुआ है। कोर्इ न कोर्इ नाजायज़ कारण बताकर हमें समय-समय पर निकाल बाहर किया जाता है, या होल्ड पर रख दिया जाता है, ताकि कम्पनियों को हमें स्थायी ;परमानेंट कामगार का दर्जा न देना पड़े। इसलिए डर कर चुप बैठे रहने पर भी तो निकाल दिये जाने की तलवार सिर पर लटकी रहती है! तो क्यों ने लड़कर अपना हक़ हासिल करें? स्वयं डी.एम.आर.सी. श्रम कानूनों का भयंकर उल्लंघन कर रही है। डी.एम.आर.सी. ने टाम, हाउसकीपिंग और सिक्योरिटी में ठेका कर्मचारियों को लगा रखा है, जो कि स्थायी प्रकृति के काम हैं और कानूनन इसमें ठेका मज़दूरी नहीं लगार्इ जा सकती।

ऐसे में, हमें गुलामी की मानसिकता और डर को छोड़कर अपने कानूनी हक़ों के लिए आगे आना होगा। हम ज़्यादा नहीं सिर्फ वह माँग रहे हैं जो इस देश का कानून हमें देता है। लेकिन डी.एम.आर.सी. और ठेका कम्पनियों की मिलीभगत के कारण, वह सबकुछ हड़प लिया जाता है। श्रम कानूनों के इस नग्न, बेशर्म उल्लंघन के खि़लाफ 'दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन के नेतृत्व में 10 जुलार्इ, 2011 को जन्तर-मन्तर पर मेट्रो रेल के सभी ठेका कर्मचारियों द्वारा सैकड़ों की तादाद में विशाल प्रदर्शन किया जा रहा है। धमकियों से न डरें! इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में शामिल हो रहे मेट्रो कर्मचारियों में आप भी शामिल हों, और अपनी एकजुट आवाज़ को बुलन्द करें। यदि आपको डराया जाता है या काम से निकालने की धमकी दी जाती है तो 'दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन से निम्न पफोन नम्बरों पर सम्पर्क करें, पूरी यूनियन आपके साथ है! एकता में ताक़त है! हम किसी और से नहीं, अपने ही डर से हारते हैं! इसलिए डर के आगे बढि़ये! जीत आपका इंतज़ार कर रही है!

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन और उसकी ठेका कम्पनियों द्वारा श्रम कानूनों के उल्लंघन के खि़लाफ

10 जुलार्इ को जन्तर-मन्तर चलो!

समय: सुबह 11 बजे  तारीख़: 10 जुलार्इ, 2011  स्थान: जन्तर-मन्तर

 दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन


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