Sunday, 10 July 2011

डीएमआरसी व 'मेट्रो मैन' श्रीधरन को मजदूरों की चेतावनी


दिल्ली मेट्रो मज़दूरों ने जन्तर-मन्तर पर डीएमआरसी अधिकारियों और डीएमआरसी की ठेका कम्पनियों द्वारा श्रम कानूनों के गम्भीर उल्लंघन के खि़लाफ विरोध प्रदर्शन किया। ग़ौरतलब है कि डीएमआरसी के ठेका मज़दूर, जिसमें कि टिकट-वेंडिंग स्टापफ, हाउसकीपर और सुरक्षा गार्ड शामिल हैं, लम्बे समय से न्यूनतम मज़दूरी के भुगतान, ईएसआई, पीएपफ, डबलरेट ओवरटाइम भुगतान, साप्ताहिक छुट्टी और ठेका मज़दूर कानून, 1971, न्यूनतम मज़दूरी कानून 1948, वर्कमेंस कंपंसेशन एक्ट, 1923 आदि जैसे श्रम कानूनों द्वारा प्रदत्त अन्य श्रम अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
यह प्रदर्शन डीएमआरसी प्रशासन को एक चेतावनी है कि अगर यह श्रम कानूनों के उल्लंघन में ठेका कम्पनियों ने मिलीभगत को जारी रखेगी तो हज़ारों मेट्रो ठेका कर्मचारी सड़कों पर उतरकर अपने हक़ों की लड़ाई लड़ेंगे। यह प्रदर्शन उनके लिए जाग जाने का संकेत है। दिशा छात्र संगठन, करावल नगर मजदूर यूनियन, स्त्री मुक्ति लीग, नौजवान भरा सभा आदि संगठनो ने भी मेट्रो मजदूरों की इस लडाई का समर्थन किया।

दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन 

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