Monday, 11 June 2012

डी.एम.आर.सी तथा जे.एम.डी ठेका कम्पनी द्वारा श्रम कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ दिल्ली मेट्रो मजदूरों का प्रदर्शन, मंगू सिंह का पुतला फूँका।


आज सैकड़ों दिल्ली मेट्रो मजदूरों ने दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन (डीएमकेयू) की अगुवाई में डीएमआरसी और ठेका कम्पनी जेएमडी  कन्सल्टेन्ट्स द्वारा श्रम कानूनों के गम्भीर और खुले उल्लंघन के खिलाफ जन्तर-मन्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस  प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मेट्रो रेल के टाम आपरेटर, सफाईकर्मी व गार्ड शामिल रहे। ज्ञात हो कि पिछले साल 10 जुलाई  को भी दिल्ली मेट्रो मजदूरों ने डी.एम.आस.सी और तमाम ठेका कम्पनियों द्वारा किये जाने श्रम कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ विशाल  प्रदर्शन किया था। इस  प्रदर्शन  के चलते डीएमआरसी पर काफी दबाव बना था और उसे मेट्रो में कार्यरत तमाम ठेका मजदूरों के शोषण का संज्ञान लेने के लिए विवश होना पड़ा ये समस्त मेट्रो कामगारों द्वारा किये जा रहे संघर्षों की महत्वपूर्ण विजय थी।
आज सैकड़ों मेट्रो मजदूर डीएमआरसी और सभी ठेका कम्पनी द्वारा श्रम कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ एक बार फिर एकजुट हुए और उन्होनें जन्तर- मन्तर पर मंगूसिंह का पुतला दहन किया। डीएमकेयू ने ज्ञापन समेत एक माँगपत्रक प्रधानमंत्री कार्यालय, क्षेत्रीय श्रमायुक्त के कार्यालय को सौंपा जिस पर मजदूरों के हस्ताक्षर थे।
डीएमकेयू के सचिव अजय स्वामी ने कहा कि डीएमआरसी ठेका कम्पनियों द्वारा श्रम कानूनों के खुले उल्लंघन की अनदेखी कर रही है जिसका ज्वलन्त उदाहरण जेएमडी कन्सल्टेन्ट्स ठेका कम्पनी है जिसमें लगभग 300 टाम आपरेटर मेट्रो स्टेशन पर कार्यरत है, ठेका कम्पनी द्वारा टाम आपॅरेटरों का भयंकर शोषण किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि नियुक्ति के समय तमाम ठेका कम्पनियाँ 25000 रुपये की सिक्योरिटी राशि जमा करती है। यही नही, नियुक्ति के समय ठेका मजदूरों से नियुक्ति पत्र के साथ बर्खास्तगी पत्र पर भी हस्ताक्षर करा लिये जाते हैं। और यह नियुक्ति भी सिर्फ तीन महीने के लिए होती है, ऐसा नहीं है कि श्रम-कानूनों के इस उल्लंघन के बारे में डीएमआरसी प्रशासन नहीं जानता। लेकिन प्रधान नियोक्ता होने के बावजूद डी.एम.आर.सी प्रशासन मूक बना रहता है, जिसका उदाहरण यह है कि आज करीब 3 महीने से कम्पनी द्वारा न तो न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, न ही साप्ताहिक अवकाश की ही सुविधा दी जा रही है। उन्होनें यह भी कहा कि अगर मेट्रो मजदूरों की जायज और कानूनों मांगों पर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो आन्दोलन के अतिरिक्त कोई रास्ता मजदूरों के पास नहीं है।
डीएमकेयू के अध्यक्ष प्रवीण ने ज्ञापन में लिखी गई माँगों पर रोशनी डालते हुए कहा कि जे.एम.डी ठेका कम्पनी द्वारा गैर-कानूनी ढंग से निकाले जा रहे कर्मचारियों  को अविलम्ब काम पर वापस लिया जाय। डीएमआरसी द्वारा ठेका कानून व अन्य श्रम कानूनों के तहत प्राप्त श्रम अधिकारों को सुनिष्चित किया जाना चाहिए। तथा वेतन का भुगतान प्रधान नियोक्ता के समक्ष किया जाना चाहिए।
इस प्रदर्षन में विभिन्न छात्र-युवा व स्त्री संगठनों ने और साथ ही विभिन्न श्रमिक संगठनों ने डी.एम.के.यू और मेट्रो मजदूरों को मांगों का खुला समर्थन किया। इसमें दिषा छात्र संगठन, नौजवान भारत, स्त्री मुक्ति लीग और करावल नगर मजदूर यूनियन आदि शामिल थे, इस आन्दोलन में नागरिक संगठन पीयूडीआर ने भी समर्थन किया।



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