Tuesday, 28 May 2013

दि‍ल्‍ली मेट्रो रेल से निकाले जा रहे मजदूरों का मेट्रो भवन पर चेतावनी प्रदर्शन।



नयी दिल्ली, 28 मई। दिल्ली मेट्रो भवन पर लागू धारा 144 को तोड़ मेट्रो मजदूरों ने अपने हक़ के लिए विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन दिल्ली मेट्रो रेल कामगार यूनियन की अगुवाई में दिल्ली मेट्रो  रेल प्रबंधन द्वारा अकारण  से 1  जून से 250 मजदूरों को बर्खास्त किये जाने के विरोध में किया गया। मजदूरों ने अपनी मांगो का   मेट्रो प्रबंधक को देने की कोशिश की लेकिन मेट्रो अधिकारियों ने ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया। हालाँकि मजदूरों ने अपना ज्ञापन रजिस्ट्री डाक द्वारा मेट्रो प्रबंधक   मंगू सिंह को सौंपा। मजदूरों ने अपनी बात व्यापक आबादी तक पहुंचाई। इस विरोध प्रदर्शन को और अधिक व्यापक और जुझारू बनाने  के लिए मेट्रो प्रबंधन को अपनी बात  के लिए मजदूर आने वाली 30 मई को जंतर मंतर पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
दिल्ली मेट्रो रेल कामगार यूनियन से सचिव अजय ने बताया की मेट्रो रेल में टोकन देने का काम करने वाली ट्रिग कंपनी का ठेका 1 जून, 2013 को डी एम आर सी को ख़त्म हो रहा है। ऐसे में आर. के. आश्रम से द्वारका स्टेशन तक टोकन देने का काम करने वाले 250 टॉम ओपेरटर को भी मैट्रो रेल प्रबंधन काम से निकाल रहा है। जबकि मुख्या नियोक्ता होने के कारन डीएमआरसी को इन मेट्रो कर्मचारियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अजय ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल में सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन , ई एस आई, पी एफ, आदि श्रम कानूनों को भी लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेट्रो मजदूर अपना ज्ञापन मंगू सिंह को देना चाहते थे पर दिल्ली मेट्रो प्रबंधन अधिकारियों ने इसे लेने से मन कर दिया जिस कारन हम आने वाली 30 तारीख को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर श्रम मंत्रालय और मेट्रो प्रबंधन को अपना ज्ञापन सौंपेंगे। इस ज्ञापन में राखी गयी प्रमुख मांगे है- ठेका कंपनी ट्रिग द्वारा निकाले गए सभी मजदूरों को काम पर वापस लिया जाए, ठेका कंपनी के टेंडर समाप्त होने पर भी कार्यरत कर्मचारियों को बहाल किया जाए, ठेका क़ानून (नियमिकरण और उन्मूलन) 1970 को लागू कर कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति सुनिश्चित की जाए और सभी श्रम क़ानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।
डीएमआरकेयू के सदस्य व मेट्रो रेल में काम कर रहे प्रवीण ने कहा कि जब तक मेट्रो प्रबंधन मजदूरों की बात नहीं मानता है तब तक आर के आश्रम से द्वारका तक काम कर रहे टॉम ओपेरटर काम पर नहीं जायेंगे। इससे मेट्रो की सेवा प्रभावित होगी पर इसकी जिम्मेदार दिल्ली मेट्रो प्रबंधन है। उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली की शान  कही जाने वाली मेट्रो जो दिल्ली वासियों के लिए सुविधाजनक परिवहन है  मेट्रो मजदूरों की हाड तोड़ मेहनत के दम ही चलती है परन्तु मजदूरों को ही मेट्रो प्रबंधन किसी भी किस्म की सुविधा नहीं देता है। आने वाली 30 तारीख को कईं यूनिअन व जन संगठन भी जंतर मंतर पर मेट्रो मजदूरों के प्रदर्शन में शामिल होंगे।

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